श्री कृष्ण जी को एक लोकप्रिय कथा
श्री कृष्ण बचपन में जंगल में गाये चराने जाया करते थे। उनके साथ बहुत सारे ग्वाल बाल भी जाया करते थे।

श्री कृष्ण बचपन में जंगल में गाये चराने जाया करते थे। उनके साथ बहुत सारे ग्वाल बाल भी जाया करते थे। श्री कृष्ण ने एक दिन एक गाय से पूछा कि मैंने तुझे अपनी रक्षा के लिए दो सींग दिए हैं फिर भी तू किसी को नहीं मारती हे । इस पर गाय जवाब दिया कि हे कान्हा एक
बार एक राक्षशी जिसका नाम पूतना था तुम्हे अपना विषैला दूध पिलाया था तब भी तुमने उन्हें अपने माँ की उपमा दी थी ।
लेकिन ये मनुष्य मेरा प्रतिदिन दूध पीते है । में इन सभी को अपना पुत्र मानती हूँ ये भले हि मुझे नई माँ न समझें , तो भला में इन्हे कैसे मार सकती हूँ ।
श्री कृष्ण की आँखों में आंसू आ गए तभी श्री कृष्णा उन अश्रु की बूंदो को हाथ में लेकर ये संकल्प लिया गौ माता तुम महान हो । मैं चाहे जिस लोक में रहूँ तेरी रक्षा के लिए हमेशा आता रहूँगा।
क्योकि इस पृथ्वी पर एक तू ही महान है जो मारने वालो को भी अपना पुत्र समझती हे।